नवग्रह शांति पूजा: महत्व, प्रक्रिया, और उज्जैन में इसके आयोजन की विशेषता
नवग्रह शांति पूजा का महत्व
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का अत्यधिक महत्व है। नवग्रह सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु हैं। ऐसा माना जाता है कि इन ग्रहों की स्थिति और चाल का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल हो, तो उसका जीवन कठिनाइयों से घिर सकता है। इसीलिए, नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया जाता है ताकि ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सके और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाई जा सके।
नवग्रह शांति पूजा की प्रक्रिया
नवग्रह शांति पूजा एक विशेष अनुष्ठान है जिसमें सभी नौ ग्रहों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, और यज्ञ (हवन) का आयोजन भी किया जाता है। पूजा का प्रारंभ गणपति वंदना से होता है, जिसके बाद नवग्रहों की पूजा की जाती है। प्रत्येक ग्रह की शांति के लिए अलग-अलग मंत्रों और विधियों का पालन किया जाता है